सिंदूर और मांग
"सिंदूर और मंगलसूत्र पहनाकर सिर्फ"
"अधिकार जमा सकते हो पा नहीं सकते"
तुम्हारे घरवाले भी तुम्हे अब नही रखेंगे।
तुम यहाँ से गई तो लोग हसेंगे
मेरे पैसे पर ही ये साजो श्रृंगार मिल सकेंगे।
तुम मेरे बगैर अधूरी रह जाओगी।
बेरहम बन कर तुम उसे सता तो सकते हो।
पर उसे पा नही सकते।
हाँ तुम उसे पा नही सकते।
मैं कमा के खिलाता हूँ,मैं तुझे घर मे रखता हूँ
मैं नही रखूंगा तो तुम्हे कोई नही रखेगा।
ये धमकियां देकर तुम
उसका मुंह तो बंद कर सकते हो
पर उसे पा नही सकते।।
कभी बाहर जाकर देखो जिसका पति नही
होता उसका क्या हाल होता है।
कभी मेरे बिना बाजार अकेले जाकर
देखो कितने लोग तुम्हे घूरने को तैयार होता है
कभी चार पैसे कमा कर देखो कितना मुश्किल होता है।
कहके डर तो सकते हो
पर उसे पा नही सकते।।
पति से मुँह लगाओगी? पति गाली दे सकता है
तुम आवाज नही उठाओगी,
पति हाथ उठा सकता है तुम चुपचाप मार खाओगी।
ये सब कहके उसे रोक सकते हो
ये झूठा मर्यादा तो थोप सकते हो
पर उसे पा नही सकते।।
तुम मेरी बात नही मानोगी।
तुम बेमतलब हर वक्त मेरे बातो पर सवाल करोगी।
मेरा मन जब होगा तब तुम मुझे छूने नही दोगी।
तो फिर मैं बाहर गैर से रिश्ता जोड़ूंगा हीं
कहके तुम उसे तड़पा तो सकते हो
पर उसे पा नही सकते।।
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क्योंकि स्त्री उसी की होती है जिसपे उसका दिल आ जाये।
वो राजा ना हो पर उसे परी सा एहसास कराये।
वो जब तुम्हारा देर रात इंतज़ार करे तो,
तुम उसको अपनी मजबूरी समझाओ।
कभी वो तुम्हारा और तुम उसकी बात समझ जाओ।
रेस्टुरेंट में न सही प्यार से दो निवाला खिलाओ
जब वो रूठ जाए तो
उसके साथ खड़े रहने का एहसास दिलाओ।
इन सब बातों कोअगर तुम करके दिखा सकते हो।
तभी तुम किसी स्त्री को पा सकते हो
तभी तुम किसी स्त्री को पा सकते हो
(जिंदगी ना मिलेगी दोबारा)
जियो जी भर के
सुनीता गुप्ता सरिता जी
Shashank मणि Yadava 'सनम'
27-Oct-2022 05:54 AM
बहुत ही सुंदर सृजन
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Pratikhya Priyadarshini
27-Oct-2022 01:16 AM
Bahut khoob 🙏🌺
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आँचल सोनी 'हिया'
27-Oct-2022 12:46 AM
Bahut khoob 🙏🌺
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